Wednesday, January 23, 2019

中国华为争议:加拿大前情报头目警告5G网络风险

加拿大前情报头目撰文说,因为安全风险太大,加拿大应该禁止中国华为为该国5G网路提供设备。这是继上月英国情报部门负责人对中国新技术主宰的安全威胁发出警告后,又一位西方情报界人物发出类似警告。

加拿大是西方所谓“五眼情报联盟”的成员,即加拿大,美国,英国,澳大利亚和新西兰组成的情报机构联盟,他们在反间谍,反恐和对付外部威胁时分享情报,互相提供支持。

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中国高科技巨头华为公司参加西方国家的5G网络建设在“五眼情报联盟”国家中引起警惕。目前英国和加拿大仍然未对是否禁止华为作出最后决定。日本和韩国已经跟随“五眼情报联盟”对华为进行抵制。

中国大使警告
中国上周警告渥太华不要制裁华为。中国大使上周威胁说,如果渥太华对华为实行制裁,将面临后果。上月加拿大按照美国的引渡要求在加拿大逮捕了过境的华为高管孟晚舟,此后加拿大和中国关系急剧恶化。

理查德·法登(Richard Fadden)在2009-2013年间担任加拿大安全情报部门的负责人,他引述了其所谓的充分证据,要求禁止中国的华为公司。

法登说,“加拿大政府不应该理睬这个(中国大使)的威胁,要禁止华为设备进入加拿大的5G网络,保护加拿大人的安全。”

他在加拿大《环球邮报》上撰文说,“中国采取了把加拿大人处死的办法来捍卫中国顶尖的公司,如果让中共随心所欲进入加拿大的通信网络,他们还会怎么做呢?”

加拿大官员正在研究最新一代的移动通讯5G网络的安全问题。一名知情的消息人士最近表示,加拿大官员需要一段时间才能对此问题产生报告。

加拿大公共安全部长拉尔夫·古戴尔对记者说,加拿大未来的5G网络会使用其它公司的设备,但是他没有作出进一步说明。

此前,军情六处负责人扬格(Alex Younger)讲述面对目前的威胁和地缘政治变化时说,中国的新技术主宰在未来对西方构成更大的安全威胁。他说,对于新兴的5G网络依赖中国技术的问题,需要考虑其对国家未来安全状况的影响。

军情六处负责人在去年12月的讲话中特别提到中国领导人习近平宣布“中国制造”战略,以及要在智能通讯,人工智能,合成生物学和基因学领域占主导地位的雄心。

“五眼”国家的情报部门负责人在2018年数次提醒加拿大总理特鲁多警惕中国的华为对加拿大潜在的安全威胁。加拿大媒体曾报道说,在孟晚舟被捕前几个月,特鲁多和“五眼”国家主管会面。

《华尔街日报》报道,美国也对德国有关当局施加压力,要他们放弃使用华为。欧洲最大的电讯公司德国电讯表示在审查他们的全球采购政策,要考虑关于中国制造商的网络安全顾虑。

在华为首席财务官,华为创始人的女儿孟晚舟在加拿大被捕后,中国要求加拿大立即放人,之后中国逮捕了两名加拿大人。最近中国的法庭将一名因贩毒被囚禁的加拿大人宣判死刑。

加拿大驻华大使麦家廉周五(1月18日)说,争取两名被中国逮捕的加拿大人获释,并且要求中国废除死刑判决是他工作的当务之急。

最近,来自19个国家140多名学者和前外交官给中国领导人习近平发出联名信,呼吁释放两名被中国逮捕的加拿大人。联名信警告说,中国逮捕两名加拿大人对外发出了"跨境交流在中国是不受欢迎的,甚至是危险的"信号。

中国外交部发言人华春莹周二(1月22日)回应说,这封信代表不了国际社会的主流声音,它既是对从事正常中外交流人士的不尊重,也是对中国司法精神的不尊重。华春莹还说,加拿大前情报头目理查德·法登的言论是无稽之谈

Sunday, January 6, 2019

क्या जूस पीने से सेहत ठीक रहती है?

चीनी का ये क़ुदरती रूप होता है, जो कमोबेश हर फल में पाया जाता है. इसे नुक़सानदेह नही माना जाता. अगर आप इसे संतुलित रूप से लेंस तो. असल में जब हम फल खाते हैं, तो इस में मौजूद फाइबर भी फ्रक्टोज़ के साथ हमारे शरीर में जाते हैं. इन्हें तोड़ने और ख़ून मे घुलने में वक़्त लगता है.

लेकिन, जब हम फलों रस लेते हैं, तो फ़ाइबर अलग हो जाता है. सिर्फ फ्रक्टोज़ और कुछ विटामिन ही उस में रह जाते हैं, जो हमारे शरीर में जाते हैं. ब्रिटेन की डायबिटीज़ के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था से जुड़ी एम्मा एल्विन कहती हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन रोज़ाना 150 मिलीलीटर जूस या 30 ग्राम चीनी लेने की सलाह देता है.

जब हम फलों का रस लेते हैं, तो फ्रक्टोज़ तेज़ी से हमारे ख़ून में घुल जाता है. ख़ून में अचानक चीनी की मात्रा बढ़ती है, तो हमारा अग्न्याशय इंसुलिन नाम का हारमोन छोड़ता है, जो चीनी की मात्रा को नियंत्रित करता है.

ऐसा अगर लगातार होता है, तो लोगों को टाइप 2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है. 1986 से 2009 के बीच एक लाख लोगों पर हुए रिसर्च के मुताबिक़, लगातार फलों का रस लेने का सीधा ताल्लुक़ टाइप-2 डायबिटीज़ से पाया गया है.

फलों के रस और टाइप-2 डायबिटीज़ के बीच ताल्लुक़ साबित करने वाला एक और रिसर्च भी हुआ था, जो 70 हज़ार लोगों के बीच 18 साल तक किया गया था. जानकार कहते हैं कि फलों का रस तेज़ी से हमारे शरीर में घुल जाता है. इसलिए चीनी की मात्रा अचानक बढ़ जाती है.

अगर फलों के जूस में सब्ज़ियों की कुछ तादाद भी मिली हो, तो ये फलों के रस के मुक़ाबले ज़्यादा बेहतर होगा. हालांकि फ़ाइबर इनमें भी नहीं होता. मगर, ये हमारे ख़ून में देर से घुलेंगे, तो चीनी की मात्रा अचानक से नहीं बढ़ेगी.

कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी के जॉन सिवेनपाइपर ने 155 रिसर्च का निचोड़ निकाला, तो उन्होंने पाया कि फ्रूट जूस और चीनी मिले दूसरे सॉफ्ट ड्रिंक्स में कैलोरी के मामले में ज़्यादा फ़र्क नहीं होता. जैसे कॉर्न सिरप या शहद. इनमें काफ़ी मात्रा में कैलोरी होती है. इन्हें ज़्यादा लेने पर वज़न कम करने का एजेंडा पटरी से उतर सकता है.

हालांकि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानक यानी रोज़ाना 150 मिलीलीटर जूस लेने पर इसका नुक़सान नहीं होता. सिवेनपाइपर का रिसर्च कहता है कि फ्रक्टोज़ वाले फलों के रस को नियमित रूप से लेने पर ख़ून में चीनी की तादाद संतुलित रहती है. शर्त ये है कि इसे रोज़ाना 150 मिलीलीटर से ज़्यादा न लिया जाए.

सिवेनपाइपर कहते हैं, 'फलों के जूस के मुक़ाबले फल खाना सेहत के लिए बेहतर है. लेकिन, अगर आप फलों और सब्ज़ियों के साथ थोड़ा सा जूस लेते हैं, तो ठीक है. ध्यान रहे कि जूस को पानी की जगह पीना आप के लिए ख़तरनाक है.'

पिछले साल छपे एक तजुर्बे के आधार पर हम फलों के जूस को सेहतमंद बना सकते हैं. जो सामान्य जूसर होते हैं, उनकी जगह पोषक तत्व निकालने वाले ब्लेंडर का इस्तेमाल कर के जूस निकाला जाए, तो इसमें कुछ बीज और फाइबर रह जाएंगे. इस तरह से तैयार जूस नुक़सान नहीं करेगा.

ब्रिटेन की प्लाईमाउथ यूनिवर्सिटी में पोषण की विशेषज्ञ गेल रीस कहती हैं कि, 'इस रिसर्च में जो जूस निकाला गया, उसमें फलों के बीज और छिलके भी थे, तो, हम इस पर पक्के तौर पर भरोसा नहीं कर सकते.

बेहतर होगा कि हम 150 मिलीलीटर रोज़ाना की मियाद पर क़ायम रहकर फलों का रस लें. इससे शरीर में चीनी की मात्रा संतुलित रहेगी. जब जूस में थोड़े रेशे होते हैं, तो ये देर से ख़ून में घुलता है. लेकिन, ज़्यादा तादाद में जूस लेना फिर भी हानिकारक ही है.'

हम जूस निकालने के लिए पका फल लें, तो ये और बेहतर होगा. वैसे हर फल की अलग तासीर होती है. जैसे कि अंगूर को ही लें. इसका जो बीज होता है, उसमें कई अहम अवयव होते हैं, न कि गूदे में. वहीं संतरे के बहुत से पोषक तत्व इसके छिलके में होते हैं.

बहुत से लोग जूस इसलिए लेते हैं कि इससे शरीर में जमा कचरा साफ हो जाएगा. ये शराब, ड्रग या दूसरी नुक़सान करने वाली चीज़ों की वजह से हमारे शरीर में जमा होता है.

लेकिन, जानकार कहते हैं कि जूस पीकर डिटॉक्स करने की सोच हास्यास्पद है. हमारा शरीर ख़ुद को डिटॉक्स करना जानता है. इसलिए जूस गटकने की ज़रूरत नहीं है.

जूस से ही सारे पोषक तत्व मिल जाएं, ऐसा भी नहीं है. कई बार जूस विटामिन मिले चीनी के घोल से ज़्यादा कुछ नहीं होते. फलों के दूसरे हिस्सों में भी पोषक तत्व होते हैं, जो जूस निकालने के दौरान अलग हो जाते हैं.

लोग, दिन में पांच बार फल और सब्ज़ियां खाने की सोचते हैं. उन्हे समझना होगा कि फलों और सब्ज़ियों से केवल विटामिन नहीं हासिल होता. इससे हम कार्बोहाइड्रेट खाने की मात्रा भी घटाते हैं.

तो, कुल मिलाकर ये कहें कि रोज़ाना 150 मिलीलीटर जूस लेते हैं, तो ये नुक़सान नहीं करेगा. फिर भी, बेहतर ये हो कि फलो को खाया जाए, न कि उनका जूस निकालकर पिया जाए.